बढ़ते समय के साथ बांझपन की समस्या ने समाज के एक वर्ग को प्रभावित किया है, और इसी तेजी के साथ प्रजनन उपचार की मांग भी बढ़ी है। सहायक प्रजनन उपचार विकल्प के तहत आने वाले उपचार विकल्प लोगों के लिए एक उम्मीद कि किरण बन गई है। और अभी तक लाखों बांझ कपल्स को संतानप्राप्ती का सपना पूरा किया है। ऐसे में अक्सर लोग सवाल पूछते हैं कि बांझपन के लिए आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले तीन उपचार क्या हैं? आप भी आईवीएफ उपचार के बारे में सोच रहे हैं तो Best IVF center in Delhi मददगार साबित होगा।
सहायक प्रजनन उपचार के तहत कई तरह के प्रजनन उपचार मौजूद हैं, और हरेक उपचार विकल्प बांझपन के भिन्न समस्याओं के समाधान के तौर पर जाना जाता है। हालांकि, बांझपन को लेकर एक सच्चाई यह भी है कि इस तरह के मामले जिसमें महिलाओं की प्रजनन क्षमता प्रभावित हो गई होती है तो इसका उपचार आईवीएफ से हो जाता है। लेकिन बांझपन के कुछ जटिल मामलों, जैसे – पुरूष बांझपन कारक शामिल हो, ऐसे में आईवीएफ से हटकर आईयूआई या फिर अन्य उपचार विकल्पों को इस्तेमाल किया जाता है। आईए जानते हैं बांझपन के लिए आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले तीन उपचार क्या हैं?
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन(IVF)
प्रजनन उपचार के तौर पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल किये जाने वाला विकल्प की बात करें तो आईवीएफ है। सहायक प्रजनन उपचार के तहत आने वाले विकल्पों में सबसे सफल आईवीएफ उपचार विकल्प है। आईवीएफ उपचार विकल्प ज्यादातर महिला-संबंधी बांझपन के मामले में मददगार साबित होता है। महिला-संबंधी बांझपन मामले के तौर पर आप समझ सकते हैं – पीसीओएस, फैलोपियन ट्यूब क्षतिग्रस्त होना, असंतुलित हार्मोन्स के कारण बांझपन, अंडाशय में समस्या, अत्यधिक उम्र में गर्भावस्था या फिर संक्रमण जैसी स्थितियों को।
आईवीएफ प्रक्रिया(IVF Process)
आईवीएफ उपचार की प्रक्रियाओं को चरण-दर-चरण पूरा किया जाता है, और हरेक प्रक्रिया उपचार को सफलता को सुनिश्चित करने का काम करता है। पहली प्रक्रिया के तौर पर डिम्बग्रंथि उत्तेजना(Ovarian Stimulation) – अंडो की संख्या को बढ़ाने के लिए डिम्बग्रंथि को उत्तेजित किया जाता है। अंडे पुनर्प्राप्ति(Egg Retrieval) – ओव्यूलेशन के दौरान परिपक्व अंडो को प्राप्त किया जाता है। शुक्राणु संग्रहीत(Sperm Stored) – अंडो को प्राप्त करने के बाद पुरूष पार्टनर से शुक्राणु संग्रहीत किया जाता है। निषेचन(Fertilization) – इसके बाद अंडो और शुक्राणु को लैब में निषेचित किया जाता है, जिसके बाद भ्रूण तैयार होता है। भ्रूण स्थानांतरण(Embryo Transfer) – आईवीएफ प्रक्रिया की अंतिम और अहम प्रक्रिया है – भ्रूण स्थानांतरण, इसमें भ्रूण को गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है।
अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान(IUI)
आईवीएफ उपचार के बाद प्रजनन उपचार के तौर पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला उपचार विकल्प है – आईयूआई। इस तरह के उपचार विकल्पों का ज्यादातर बांझपन के जटिल मामलों में किया जाता है। आईयूआई उपचार विकल्प को लेकर एक सच्चाई यह भी है कि आईवीएफ की तुलना में अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान कम आक्रामक और कम महंगा प्रजनन उपचार है। इसमें ओव्यूलेशन के समय के आसपास शुक्राणु को सीधे महिला के गर्भाशय में डालना शामिल है। इस विधि से शुक्राणु के अंडे तक पहुंचने और निषेचित होने की संभावना बढ़ जाती है। आईयूआई उपचार विकल्प को शुक्राणु-संबंधी समस्या के समाधान तौर पर भी देखा जाता है।
आईयूआई प्रक्रिया(IUI Process)
आईयूआई की प्रक्रियाओं को लेकर बात किया जाए तो कहेंगे इसमें सबसे अहम प्रक्रिया होती है, ओव्यूलेशन को ट्रैक करना। क्योंकि इस उपचार में ओव्यूलेशन के दौरान ही शुक्राणु को अंडाशय में डाला जाता है, ताकी गर्भावस्था को मुमकिन बनाया जा सके। उपचार प्रक्रिया निम्नलिखित हैः
ओव्यूलेशन की निगरानी(Ovulation Monitoring) – किसी भी अंडो को निषेचित होने के लिए इष्टतम समय का होना जरूरी है, और इसे निर्धारित करने के लिए रक्त परीक्षण और अल्ट्रासाउंड के माध्यम से ओव्यूलेशन चक्र की निगरानी की जाती है।
शुक्राणु तैयार करना(Sperm Preparation) – इस प्रक्रिया के तहत संग्रहीत शुक्राणु को केंद्रित करने के लिए वीर्य का नमूना एकत्र किया जाता है और “धोया” जाता है। शुक्राणु साफ करने का मतलब है – निषेचन के किसी भी संभावित अवरोधक को हटा देती है और शुक्राणु की गतिशीलता और कार्य को बढ़ाती है।
गर्भाधान(Insemination) – इस प्रक्रिया में एक पतली, लचीली कैथेटर का इस्तेमाल करके, तैयार किए गए शुक्राणु को महिला के गर्भाशय में डाला जाता है। यह प्रक्रिया अपेक्षाकृत त्वरित और आमतौर पर दर्द रहित है। और इस प्रक्रिया के साथ आईयूआई उपचार प्रक्रिया भी समाप्त हो जाती है।
औषधि चिकित्सा(Medication Therapy)
बांझपन के मामले में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला उपचार विकल्प में दवाओं के द्वारा समस्या को काबू करने को भी जोड़ा जाता है। सरल शब्दों में कहें तो औषधि चिकित्सा भी एक प्रकार का प्रजनन उपचार विकल्प है, जैसे – दवा चिकित्सा में उन महिलाओं में ओव्यूलेशन को उत्तेजित करने के लिए प्रजनन दवाओं का उपयोग शामिल है जिनमें अनियमित या अनुपस्थित ओव्यूलेशन होता है। इसके अलावा और भी कई समस्या हैं, जिसमें औषधि चिकित्सा अहम साबित होती है।
प्रजनन संबंधी दवाओं के प्रकार(Types of Fertility Medications)
प्रजनन संबंधी दवाओं के तौर पर कई तरह के दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है, ताकी समस्या को समाप्त कर…गर्भावस्था को सफल किया जा सके। दवाएं निम्नलिखित हैः
क्लोमीफीन साइट्रेट(Clomiphene Citrate) – अगर कोई महिला डिम्बग्रंथि विकारों से ग्रसीत है तो उसे क्लोमीफीन साइट्रेट (क्लोमिड) के सेवन की सलाह दी जाती है। ताकी अंडाशय को अंडे जारी करने के लिए उत्तेजित करती रहे।
गोनाडोट्रोपिन(Gonadotropins) – असंतुलित हार्मोन्स के मामले में दवा के तौर पर गोनाडोट्रोपिन का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक तरह का इंजेक्शन है, जिसे इंजेक्ट द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
लेट्रोज़ोल(Letrozole) – आमतौर पर, इस दवा का इस्तेमाल स्तन कैंसर से ग्रसीत महिलाओं के लिए किया जाता है, लेकिन बांझपन की समस्या के मामले में पीसीओएस से ग्रसीत महिलाओं को भी इसकी सलाह दी जाती है।
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निष्कर्ष(Conclusion)
प्रजनन उपचार के तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले तीन उपचार विकल्प हैं – आईवीएफ, आईयूआई और ओषधि चिकित्सा। यह सभी उपचार विकल्प बांझपन की अलग-अलग स्थितियों के लिए जाना जाता है, और यह सभी उपचार विकल्प संतानप्राप्ती को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं। सहायक प्रजनन उपचार के तहत आने वाले उपचार विकल्प आईवीएफ और आईयूआई की उपचार प्रक्रियाएं और लागत काफी अलग होते हैं। आईवीएफ, आईयूआई या फिर ओषधि चिकित्सा में कौन-सा उपचार विकल्प आपके लिए प्रभावी होगा, यह बांझपन की स्थिति पर निर्भर करता है। आप भी आईवीएफ उपचार के बारे में सोच रहे हैं तो दिल्ली में सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ सेंटर (Best IVF center in Delhi) मददगार साबित होगा।
पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्र.1. आईवीएफ और आईयूआई में क्या अंतर है?
उत्तर – आईवीएफ और आईयूआई प्रजनन उपचार विकल्प हैं, लेकिन यह दोनों ही उपचार विकल्प बांझपन की अलग-अलग स्थितियों के जाना जाता है। हालांकि, कुछ मामलों जहां आईयूआई 3-6 चक्र के बाद भी सफलता नहीं मिलती है, तो उन कपल्स के पास आईवीएफ उपचार एकमात्र विकल्प रह जाता है। इसके साथ ही दोनों की उपचार प्रक्रियाएं और लागत अलग बनाती है।
प्र.2. प्रजनन उपचार कितने सफल हैं?
उत्तर- बात करें प्रजनन उपचार कि सफलता की तो आपको बता दें कि उपचार की सफलता कई कारकों पर निर्भर करता है। आईवीएफ की सफलता दर प्रति चक्र 20% से 40% तक होती है, जबकि आईयूआई की सफलता दर प्रति चक्र 10% से 20% तक होती है। दवा चिकित्सा की सफलता दर भी विशिष्ट दवा और व्यक्ति की प्रतिक्रिया के आधार पर भिन्न होती है।
प्र.3. प्रजनन उपचार के परिणाम देखने में कितना समय लगता है?
उत्तर- प्रजनन उपचार के परिणाम के सामने आने…निर्भर करता है कि आपने किस प्रजनन उपचार को चुना है। अगर आईवीएफ की बात करें तो इसकी प्रक्रिया पूरा होने में समय लगता है, और जैसे ही प्रक्रिया पूरी होती है, 10-14 दिनों के अंदर आपको परिणाम देखने के लिए मिल जाएगा।
प्र.4. क्या जीवनशैली में बदलाव से गर्भधारण की संभावना में सुधार हो सकता है?
उत्तर – इस बात में कोई शक नहीं है कि बांझपन का एक कारक हमारी जीवनशैली भी हो सकती है। ऐसे में अगर आप कंसीव करना चाहती हैं तो आप अनुशासीत जीवनशैली को अपने जीवन का हिस्सा बना सकती है, और आपको इसका परिणाम भी देखने के लिए मिलता है।
प्र.5. पुरुष बांझपन के लिए कौन से चिकित्सा उपचार उपलब्ध हैं?
उत्तर – चिकित्सा कारक के तौर पर कई तरह के उपचार विकल्प मौजूद हैं, लेकिन किस उपचार विकल्प की आपको जरूरत है। यह आपके रिपोर्ट में पाई गई कमी पर निर्भर करता है, जैसे असंतुलित हार्मोन्स होने पर आप हार्मोन थेरेपी विकल्प को चुन सकते हैं। इस तरह से विभिन्न स्थिति के लिए विभिन्न उपचार विकल्प है।